बाल केंद्रित शिक्षण उपागम क्या होता है? | बाल केंद्रित शिक्षण | चाइल्ड सेंटर्ड टीचिंग | चाइल्ड सेंटर्ड लर्निंग | बाल केंद्रित उपागम

बाल केंद्रित शिक्षण अर्थात जिस शिक्षण का मुख्य केंद्र बिंदु बालक होता है, उसे बाल केंद्रित शिक्षण कहते हैं l साधारण भाषा में कह सकते हैं कि जिस शिक्षण में बालक प्रधान होता है उसे बाल केंद्रित शिक्षण कहते हैंl जिस शिक्षण में बालक की रुचियों, प्रवृत्तियों तथा क्षमताओं को ध्यान में रखकर शिक्षण प्रदान किया जाता है l इसमें बालक का व्यक्तिगत निरीक्षण कर उसकी दैनिक कठिनाइयों को दूर करने के साथ ही साथ बालक को स्वावलंबी बनाकर उसमें स्वतंत्रता की भावना उत्पन्न की जाती है l
इस शिक्षण उपागम में बालक चुने हुए साधनों में से अपनी इच्छाअनुसार किसी भी साधन का चुनाव कर सकता है तथा उस साधन के साथ संतोष प्राप्त होने तक कार्य कर सकता है l इसके द्वारा वह मानसिक संतोष और शांति का अनुभव करता है l
इस अनुभव से बालक का शारीरिक एवं मानसिक उत्साह उत्पन्न होने में सहायता मिलती है l बालक जैसे ही क्रियाशील होता है l वह कुछ कार्य करने में आनंद अनुभव करता है वह क्रियाशील होता है l वह कुछ कार्य करने में आनंद अनुभव करता है l
बाल केंद्रित शिक्षा पर जोर देते हुए कहा जा सकता है कि आज का बालक भावी राष्ट्र का निर्माता है l
बाल केंद्रित शिक्षण उपागम के उद्देश्य :-
- बालक का चहुँमुखी विकास करने की प्रवृत्ति को विकसित करना l
- स्वयं करके सीखने की प्रवृत्ति विकसित करना
- आत्मविश्वास जागृत करने की भावना का विकास करना l
- सहयोग की भावना विकसित करना l
- पुनर्बलन द्वारा शिक्षण को प्रभावी बनाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देना l
- स्वतंत्र रूप से कार्य करने की प्रवृत्ति का विकास करना l
- चिंतन, मनन और जिज्ञासा जैसी प्रवृत्तियों का विकास करना l
- शारीरिक दंड प्रक्रिया को बहिष्कृत करना l
- पढ़ाने की क्रिया पर जोड़ना देकर सिखाने की क्रिया पर जोर देना l
- प्रशिक्षुओं को बालकों के सहयोगी एवं मार्गदर्शक के रूप में तैयार करना
बाल केंद्रित शिक्षा की विशेषता :-
- शिक्षक बच्चों से मित्रवत व्यवहार करते हैं l
- बच्चों को सिखाने में मार्गदर्शक के रूप में भूमिका का निर्वहन करते है l
- खेल खेल में तथा गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को ज्ञान दिया जाता है l
- बच्चों को अधिक से अधिक अभिव्यक्ति का अवसर दिया जाता है l
- बार-बार अभ्यास कार्य के द्वारा बच्चों की कठिनाइयों को दूर किया जाता है l
- बच्चों को आनंद की अनुभूति का एहसास कराया जाता है l
- बच्चों के साथ आदरपूर्ण व्यवहार किया जाता है l
- शिक्षण अधिगम सामग्री को अधिक से अधिक प्रयोग किया जाता है l
- बच्चों को विद्यालय की विभिन्न गतिविधियों में अधिक से अधिक अवसर दिया जाता है l
- बच्चों को उचित नाम से संबोधित किया जाता है l
बाल केंद्रित शिक्षा का महत्व ( Importance of Child Centred Teaching ) :-
- बाल प्रधान शिक्षण
- सरल और रुचिपूर्ण शिक्षण
- आत्मा अभिव्यक्ति के अवसर
- ज्ञानेंद्रियों के प्रशिक्षण पर बल
- व्यवहारिक और सामाजिक ज्ञान
- क्रियाशीलता पर आधारित शिक्षा
- स्वयं करके सीखने पर बल
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